एसपीएफ वाली सनस्क्रीन क्रीमों का मुख्य उद्देश्य त्वचा को पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभावों से बचाना है। लेकिन क्या उनका उपयोग केवल धूप के मौसमों में ही प्रासंगिक है, या वे पूरे साल त्वचा के लिए फायदेमंद हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि एसपीएफ क्रीम न केवल सूरज से सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं, बल्कि समग्र त्वचा देखभाल के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। एसपीएफ क्या है और यह कैसे काम करता है?
एसपीएफ (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) मापता है कि एक उत्पाद यूवीबी किरणों से त्वचा को कितनी प्रभावी रूप से बचाता है, जो सनबर्न का कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, एसपीएफ 30 का मतलब है कि आपकी त्वचा बिना सुरक्षा के तुलना में 30 गुना कम यूवीबी विकिरण प्राप्त करेगी। हालांकि, यूवीए किरणों से सुरक्षा का भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, जो त्वचा में गहराई तक प्रवेश करती हैं और समय से पहले बुढ़ापे और त्वचा कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं। आपको सनस्क्रीन केवल गर्मियों में ही क्यों नहीं चाहिए?
कई लोग मानते हैं कि सनस्क्रीन केवल गर्मियों या समुद्र तट पर ही आवश्यक होती है। हालांकि, पराबैंगनी किरणें पूरे साल मौजूद रहती हैं और आपकी त्वचा को बादल वाले दिनों में या खिड़कियों के पास होने पर भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि एसपीएफ किसी भी मौसम में क्यों जरूरी है:
- सर्दियों और पतझड़ में यूवी किरणों से सुरक्षा: यूवी किरणें साल भर पृथ्वी की सतह तक पहुंचती हैं। यहां तक कि अगर सर्दियों या पतझड़ में सूरज कम तीव्र लगता है, यूवीए किरणें अभी भी बादलों को पार करती हैं और त्वचा पर असर डालती हैं, खासकर उनके लिए जो बाहरी समय बिताते हैं या खिड़कियों के पास रहते हैं।
- नीली रोशनी (एचईवी) से सुरक्षा: अध्ययन बताते हैं कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टीवी से निकलने वाली नीली रोशनी भी त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे झुर्रियां और पिगमेंटेशन बढ़ता है। कई आधुनिक सनस्क्रीन में ऐसे तत्व होते हैं जो एचईवी किरणों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- समय से पहले बुढ़ापे से सुरक्षा: सूरज के निरंतर संपर्क में रहना, यहां तक कि कम मात्रा में भी, समय से पहले त्वचा के बुढ़ापे (फोटोएजिंग) का एक मुख्य कारण है। एसपीएफ क्रीम का उपयोग झुर्रियों, पिगमेंटेशन और त्वचा की लचीलापन की कमी को रोकने में मदद करता है। अपनी दैनिक दिनचर्या में सनस्क्रीन को शामिल करना युवा त्वचा को बनाए रखने का एक प्रभावी तरीका है।
- पिगमेंटेशन से सुरक्षा: पिगमेंटेशन न केवल गर्मियों में, बल्कि यूवी एक्सपोजर के कारण किसी भी समय हो सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रासंगिक है जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है या जो उन कास्मेटिक प्रक्रियाओं से गुजर रहे हैं जो त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ाती हैं (जैसे पील्स या लेजर थेरेपी)। एसपीएफ क्रीम का उपयोग नए पिगमेंटेशन धब्बों से बचने या मौजूदा धब्बों को और खराब होने से रोकने में मदद करता है।
क्या घर के अंदर एसपीएफ की जरूरत है?
ऐसा लग सकता है कि घर या ऑफिस में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। यदि आप खिड़कियों के पास हैं, तो यूवीए किरणें आसानी से कांच को पार करती हैं और त्वचा पर असर डालती हैं। इसके अलावा, स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी भी आपकी त्वचा के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम है। यदि आप लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बिताते हैं या बार-बार गैजेट्स का उपयोग करते हैं, तो एचईवी किरणों से सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन जरूरी है। दैनिक सनस्क्रीन कैसे चुनें?
सनस्क्रीन चुनते समय यहां कुछ मापदंड हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:
- व्यापक स्पेक्ट्रम सुरक्षा: ऐसे क्रीम चुनें जो यूवीबी और यूवीए किरणों दोनों से सुरक्षा प्रदान करते हों।
- एसपीएफ 30 या अधिक: दैनिक उपयोग के लिए एसपीएफ 30 आदर्श है, लेकिन बाहरी गतिविधियों के लिए एसपीएफ 50 बेहतर है।
- हल्की बनावट: हल्की बनावट और जल्दी अवशोषित होने वाले क्रीम दैनिक उपयोग और मेकअप के नीचे लगाने के लिए आदर्श होते हैं।
- जल प्रतिरोधी: यदि आप बाहरी गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं या व्यायाम करते हैं, तो लंबे समय तक सुरक्षा के लिए जल प्रतिरोधी सूत्रों को चुनें।
सही उपयोग के टिप्स
- हर सुबह सनस्क्रीन लगाएं: बादल वाले दिनों में भी एसपीएफ का उपयोग करें क्योंकि यूवी किरणें बादलों के माध्यम से प्रवेश कर सकती हैं।
- हर 2-3 घंटे में फिर से लगाएं: यदि आप लंबे समय तक बाहर रहते हैं, तो हर कुछ घंटों में सनस्क्रीन फिर से लगाएं, खासकर पसीने आने या चेहरा धोने के बाद।
- गर्दन और हाथों को न भूलें: अक्सर हम केवल चेहरे पर सनस्क्रीन लगाते हैं, गर्दन, डिकॉल्टे और हाथों को भूल जाते हैं, जिन्हें भी सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
एसपीएफ वाली सनस्क्रीन केवल समुद्र तट पर सुरक्षा के लिए नहीं होती। वे किसी भी मौसम में दैनिक त्वचा देखभाल के लिए आवश्यक हैं। एसपीएफ क्रीम आपकी त्वचा को यूवी किरणों, नीली रोशनी और अन्य बाहरी कारकों से बचाने में मदद करती हैं, जिससे त्वचा का स्वास्थ्य, समय से पहले बुढ़ापा रोकना और पिगमेंटेशन से बचाव होता है। इसलिए, सनस्क्रीन हर लड़की की त्वचा देखभाल दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए।